Getting My Shiv chaisa To Work
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ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
अर्थ: हे भोलेनाथ आपको नमन है। जिसका ब्रह्मा आदि देवता भी भेद न जान सके, हे शिव आपकी जय हो। जो भी इस पाठ को मन लगाकर करेगा, शिव शम्भु उनकी रक्षा करेंगें, आपकी कृपा उन पर बरसेगी।
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
अर्थ: हे प्रभू आपने तुरंत तरकासुर को मारने के लिए षडानन (भगवान शिव व पार्वती के पुत्र कार्तिकेय) को भेजा। आपने ही जलंधर (श्रीमद्देवी भागवत् पुराण के अनुसार भगवान शिव के तेज से ही जलंधर पैदा हुआ था) नामक असुर का संहार किया। आपके कल्याणकारी यश को पूरा संसार जानता है।
मंत्र महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् - अयि गिरिनन्दिनि
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
जो यह पाठ करे मन लाई। ता shiv chalisa in hindi पर होत है शम्भु सहाई॥
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते shiv chalisa lyricsl हैं।
जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥ अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी ।
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥